Shri Sankatmochan Hanumanashtak
संकटमोचन हनुमानाष्टक स्तोत्र मत्तगयन्द छन्द बाल समय रबि भक्षि लियो तब,तीनहुं लोक भयो अंधियारो । ताहि सो त्रास भयो जग को,यह संकट काहु सों जात न टारो ॥ देवन आनि करी बिनती तब,छांड़ि दियो रबि कष्ट निवारो । को नहिं … Read More