Vrishabh bhavishya rashiphal 2014
वृषभ राशि भविष्य राशिफल 2014 वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है । आपकी वृषभ राशि होने के कारण आपकी शारीरिक बनावट आकर्षक होती है । आपके कंधे चौड़े होते हैं । आपकी आँखें बडी़-बडी़ और छाती मजबूत है । आप … Read More
वृषभ राशि भविष्य राशिफल 2014 वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है । आपकी वृषभ राशि होने के कारण आपकी शारीरिक बनावट आकर्षक होती है । आपके कंधे चौड़े होते हैं । आपकी आँखें बडी़-बडी़ और छाती मजबूत है । आप … Read More
मेष राशि भविष्य राशिफल 2014 आप अति महत्वाकांक्षी स्वाभाव के होते हैं एवं आपका स्वामी मंगल है इस समय आपकी राशि में अष्टम भाव के स्वामी मंगल देव हैं इसलिए आप अति साहसिक कार्यों की तलाश में रहते हैं । … Read More
हनुमान मंत्र (Hanumaan mantra) मनोजवं मारुततुल्यवेगम् । जितेन्दि्रयं बुद्धिमतां वरिष्थम् ।। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं । श्री रामदूमं शरण प्रपद्ये ।। Manojavam Maruttulyavegam , jitendriyam buddhmatam varistham ।। Vatatmajam vanaryuthmukhyam , shri Ramdootam sharan prapaddhe ।। अथवा ॐ ह्रीं हनु हनुमताय नमः ।। … Read More
पितृ पक्ष एवं उसमें में श्राद्ध व् तर्पण का महत्त्व हमारे धर्मशास्त्र एवं पुरानों के अनुसार मृत पितरों को पिण्डदान करने वाला हर व्यक्ति दीर्घायु, पुत्र-पौत्रादि, यश, स्वर्ग, लक्ष्मी, सुख साधन तथा धन-धान्य आदि से परिपूर्ण होता है तथा पितरों … Read More
श्री सत्यनारायण व्रत की पूजन विधि एवं कथा पूजन सामग्री दूध, दही, घी, शर्करा, गंगाजल, रोली, मौली, ताम्बूल, पूंगीफल, धूप, फूल , यज्ञोपवीत, श्वेत वस्त्र, लाल वस्त्र, फूलमाला, आम के पत्ते, चावल, तिल, जौ, नारियल (पानी वाला), दीपक, ऋतुफल, अक्षत, … Read More
श्री महावीर स्वामी जी की आरती जय महावीर प्रभो। स्वामी जय महावीर प्रभो । जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो।।ओउम ।। कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये । पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए।।ओउम ।। दीनानाथ दयानिधि, हैं मंगलकारी । जगहित … Read More
श्री पितृ देव जी की आरती जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी । शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी ।। आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे । मैं मूरख हूँ कछु … Read More
आरती श्री रामायण जी की आरति श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥ सुक सनकादि सेष अरु सारद । बरन पवनसुत कीरति नीकी ॥१॥ गावत बेद … Read More
आरती श्री गिरिराज जी की ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।। ओउम जय ।। इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु … Read More
श्री परशुराम जी की ओउम जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी।। ओउम जय।। जमदग्नी सुत नरसिंह, मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया।। ओउम जय।। कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ … Read More