पद्मा एकादशी – आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी
पद्मा एकादशी — आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी । धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा- हे केशव! आषाढ़ शुक्ल एकादशी का क्या नाम है इस व्रत के करने की विधि क्या है और किस देवता का पूजन किया जाता है श्रीकृष्ण कहने लगे … Read More
पद्मा एकादशी — आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी । धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा- हे केशव! आषाढ़ शुक्ल एकादशी का क्या नाम है इस व्रत के करने की विधि क्या है और किस देवता का पूजन किया जाता है श्रीकृष्ण कहने लगे … Read More
💐 हिन्दू धर्म के अनुसार दैनिक दिनचर्या की मुख्य बातें 💐 * प्रात: कर-दर्शनम् * कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥ * पृथ्वी क्षमा प्रार्थना * समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडिते। विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमस्व मे॥ … Read More
💐 धर्म 💐 *1.धर्म किसे कहते हैं ? धर्मम् तु साक्षात् भगवद् प्राणितम । भगवान् की आज्ञानुसार आचरण को धर्म कहते हैं । जिन कर्मों के करने से उन्नति हो और सच्चा सुख मिले उन कर्मों के आचरण को धर्म … Read More
* हिन्दू धर्म की मुख्य बातें * हमारे चार वेद है 1. ऋग्वेद 2. सामवेद 3. अथर्ववेद 4. यजुर्वेद ************************************* कुल 6 शास्त्र है 1. वेदांग 2. सांख्य 3. निरूक्त 4. व्याकरण 5. योग 6. छंद ************************************* हमारी 7 नदियां 1. … Read More
महामृत्युंजय मन्त्र साधना और प्रयोग ============================ यह मंत्र ऋषि मार्कंडेय को सबसे पहले प्राप्त हुआ था। महामृत्युञ्जय मंत्र यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में स्थित एक मंत्र है। इसमें शिव की स्तुति की गयी है। इस मंत्र का सवा लाख बार … Read More
श्री महा लक्ष्मी षोडसोप्चार पूजा विधि हम दीपावली के दिन श्री लक्ष्मी जी कि सम्पूर्ण पूजा करने के लिये पूरी विधि का वर्णन कर रहे हैं | दीपवली के दिन श्री लक्ष्मी … Read More
श्री कुण्डलिनी चालीसा सिर सहस्त्रदल कौ कमल , अमल सुधाकर ज्योति | ताकि कनिका मध्य में , सिंहासन छवि होति || शांत भाव आनंदमय , सम चित विगत विकार | … Read More
दोहा सहज सूर कपि भालु सब पुनि सिर पर प्रभु राम। रावन काल कोटि कहुँ जीति सकहिं संग्राम ॥55 ॥ चौपाई राम तेज बल बुधि बिपुलाई। सेष सहस सत सकहिं न गाई ॥ सक सर … Read More
दोहा रावन क्रोध अनल निज स्वास समीर प्रचंड। जरत बिभीषनु राखेउ दीन्हेउ राजु अखंड ॥49क ॥ जो संपति सिव रावनहि दीन्हि दिएँ दस माथ। सोइ संपदा बिभीषनहि सकुचि दीन्हि रघुनाथ ॥49ख ॥ चौपाई अस प्रभु … Read More
दोहा सरनागत कहुँ जे तजहिं निज अनहित अनुमानि। ते नर पावँर पापमय तिन्हहि बिलोकत हानि ॥43 ॥ चौपाई कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू। आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं। जन्म … Read More