श्री रामायणजी की आरती
श्री रामायणजी की आरती आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥१|| गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद । बालमीक विज्ञान विशारद ॥ शुक सनकादि शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ आरती श्री रामायण जी … Read More
श्री रामायणजी की आरती आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥१|| गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद । बालमीक विज्ञान विशारद ॥ शुक सनकादि शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ आरती श्री रामायण जी … Read More
श्री खाटू श्यामजी की आरती ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे ॥ रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, … Read More
अम्बे जी की आरती जय अम्बे गौरी , मैया जय श्यामा गौरी | तुमको निसदिन ध्यावत , हरि ब्रम्हा शिवरी ॥ जय अम्बे गौरी….. मांग सिंदुर विराजत , टीको मृगमद को | उज्जवल से दोऊ नैना , चन्द्रवदन नीको ॥ … Read More
आरती श्री सरस्वती जी की जय सरस्वती माता , मैया जय सरस्वती माता |सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ जय सरस्वती माता ॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी |सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय सरस्वती माता ॥ बाएं कर … Read More
आरती लक्ष्मी जी की ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता | तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…. उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता | सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ .ॐ जय … Read More
आरती श्री दुर्गाजी की अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली | तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती || तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी । दानव दल पर … Read More
आरती सत्यनारायण जी की ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा | सत्यनारायण स्वामी ,जन पातक हरणा || रत्नजडित सिंहासन , अद्भुत छवि राजें | नारद करत निरतंर घंटा ध्वनी बाजें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी…. प्रकट भयें कलिकारण ,द्विज को … Read More
आरती श्री राम्चान्द्र जी की | श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं | नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं | कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनीलनीरद सुन्दरं | पट पीत मानहु … Read More
आरती कुञ्ज बिहाई/ कृष्ण जी की आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । … Read More
आरती हनुमान जी की आरती किजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे | रोग दोष जाके निकट ना झाँके ॥ अंजनी पुत्र महा बलदाई | संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ … Read More