इस्लाम धर्म :- 
धर्म गुरुओं के अनुसार इस्लाम का अर्थ है – अल्लाह को सम्पूर्ण समर्पण | इस्लाम धर्म के
अनुसार अल्लाह को सर्वशक्तिमान ईश्वर मानना है सम्पूर्ण विश्व में केवल अल्लाह की सत्ता है
एवं सम्पूर्ण विश्व के मालिक अल्लाह हैं  तथा मुहम्मद साहब उनके रसूल या पैगम्बर हैं | Islamइस्लाम का उदय कब हुआ, इस पर अलग-अलग अवधारणाएं हैं। कुछ लोग इसे सातवीं सदी में आरम्भ हुआ मानते हैं तो कुछ मानते हैं कि यह आदिकाल से चल रहा है। एक पक्ष मानता है कि इस्लाम का उदय सातवीं सदी में अरब में हुआ। अंतिम नबी मुहम्मद साहब का जन्म 570 इस्वी में मक्का में हुआ। 613 इस्वी के आसपास उन्होंने लोगों को ज्ञान बांटना आरम्भ किया तो उनके बहुत से अनुयायी बनते चले गए। इसी को इस्लाम की शुरुआत कहा गया। दूसरे पक्ष के विचारक इसे सही नहीं मानते। वे इस्लाम के मूल ग्रंथ कुरआन के आधार पर इसकी शुरुआत देखते हैं। इनके अनुसार इस्लाम आदिकाल से अस्तित्व में है। कुरआन में पहले इंसान ‘आदम’ का जिक्र है। ‘मुस्लिम’ शब्द का इस्तेमाल हज़रत इब्राहिम (अलैहि।) के लिए किया है, जो लगभग 4 हजार साल पहले imagesएक महान पैगम्बर हुए। कहा जाता है कि हज़रत आदम (अलैहि।) से लेकर हज़रत मुहम्मद (सल्ल।) तक हजारों वर्षों में कई पैगम्बर हुए। इनमें से 26 के नाम कुरआन में हैं। इनके अनुसार, हज़रत मुहम्मद (सल्ल।) इस्लाम के प्रवर्तक(फाउंडर) नहीं थे, बल्कि आह्वाहक (ईश्वर का संदेश फैलाने वाले एक पैगम्बर) थे। इस्लाम के मुताबिक कोई इन्सान तब तक सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता जब तक कि वह पांच कर्मों को पूरा ना करे ।
इन पांचों में ये शामिल हैं- 1.  वह इस बात को माने कि अल्लाह के अलावा कोई अन्य पूज्य
नहीं है और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के संदेशवाहक हैं । 2.  नमाज़ कायम
करे । 3.  अनिवार्य धर्म-दान (ज़कात) दे । 4.  रमज़ान के महीने का रोज़ा रखे । 5.  काबा का
हज्ज करे, यदि वह वहां तक पहुंचने में समर्थ हो । इस्लाम धर्म में अल्लाह को कुछ हद तक
साकार माना गया है जो की  इस दुनिया में सातवें आसमान पर रहते हैं एवं वहीँ से सृष्टि का
सर्जन करते हैं | इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक कुरआन है  एवं सबसे पवित्र स्थान मक्का
मदीना है जहाँ पर जाने की इच्छा जीवन में एकबार हर मुसलमान की होती है | संसार में
इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या बहुत अधिक है |
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