शुभ शकुन देखना :-
यात्रा पर जाने का मुहूर्त
रविवार को जावे तो घी एवं पान खाकर जाये , सोमवार को चावल खाकर व् दूध पीकर जाये,
मंगलवार को गुड व् आंवला खाकर जाये , बुधवार को तिल व् मीठा खाकर जाये, गुरूवार को दही खाकर जाये, शुक्रवार को जौ व् कोई नमकीन खाकर जाये, शनिवार को उड़द खाकर जाये | इस प्रकार से उपरोक्त वस्तुयें खाकर जाने से दिशाशूल का दोष नहीं होता है एवं शुभ रहता है |
सभी दिशाओं की यात्रा करने के लिए हस्त, रेवती, अश्विनी, श्रवण,मृगशिरा,पुष्य, नक्षत्र उत्तम रहते हैं | तथा यात्रा करते समय दाहिनी तरफ राहू, बायें तरफ योगिनी, अथवा ये दोनों पीठ पीछे , चन्द्रमा सन्मुख रहते हैं तो अच्छा रहता है |
शुभ शकुन देखना
यात्रा में घर से निकलते ही वेद पढ़ते ब्राहमण मिल जावें , गाना गाती हुई या नाचती हुई वेश्या
मिल जावें , गाय, हाथी, धीवर, भरा हुआ जल का घड़ा या मशक भरी हुई मिल जावे, भंगी रोटियों से
भरी हुई टोकरी लिए मिल जावे, बाजा- घंटा बजता हुआ मिल जावे, फूल और, फूल हार माली मिल
जावे, मोतियों की या फूलों की माला पहने हुए कन्या मिल जावे, सुहागन स्त्री गोद भरी हुई मिल
जावे, इस प्रकार से उपरोक्त सभी शकुन शुभ माने जाते हैं |
अशुभ शकुन देखना
यात्रा में घर से निकलते ही लकड़ी लिए हुए, अग्नि, गुड लिए हुए, नग्न सिर , फकीर मिल जावे,
हिंजड़ा मिल जावे, कोई छींक देवे, नग्न ब्राहमण मिल जावे तो , इस प्रकार से उपरोक्त वर्णित सभी
शकुन अशुभ माने जाते हैं |