नक्षत्र :
दृष्टी के आधार पर नक्षत्रों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है :
१. अधोमुखी नक्षत्र २. उर्ध्वमुखी नक्षत्र ३. त्रियांगमुखी नक्षत्र
अन्य विशिष्ट श्रेणियों के अन्य नक्षत्र तीन भागों में बांटे गए हैं |
१. पंचक संज्ञक नक्षत्र २. मूल संज्ञक नक्षत्र ३. गंडांत नक्षत्र
नक्षत्र तारा : शुभ कार्य एवं विवाह आदि के कार्य हेतु व्यक्ति का नक्षत्र तारा देखा जाता है | कुल ९ नौ नक्षत्र तारे होते हैं | किसी व्यक्ति का किसी तिथि अथवा दिन का तारा ज्ञात करने के लिए उसके जन्म नक्षत्र से शुभ कार्य की तिथि या दिन के नक्षत्र तक गिनकर उसमें ९ नौ का भाग देवें, शेष बचे अंक ही संख्या के अनुसार उस दिन का तारा होता है | शून्य शेष आने पर ९ नौ समझें | नक्षत्र तारे निम्न प्रकार से हैं :-
१. जन्म २. सम्पत ३. विपत ४. क्षेम ५. प्रत्यारी ६. साधक ७. वेधा ८. मैत्रा ९. अतिमैत्रा
उपरोक्त में से तीन तारे विपत, प्रत्यारी और वेधा अशुभ माने जाते हैं |
नोट :
1. जो अंश नक्षत्र के नीचे हैं वे उस नक्षत्र के प्रारंभिक बिंदु हैं, तथा प्रत्येक नक्षत्र १३ – २० अंश का है |
2. हिंदी वर्ण जो की नक्षत्र के सम्मुख अंकित है वे नक्षत्र के चार चरणों से सम्बंधित नामाक्षरों को प्रदर्शित करते हैं | ये व्यक्ति के जन्म नक्षत्र के अनुसार नामकरण के उपयोग में आते हैं |