Navratri or Navdurga are celebrated four times in a year, two times gupt Navratri and two times open Navratri. Open Navratri celebrated in Chaitra month and Ashwin Month in every year.
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- भाव अथवा ग्रह स्थान
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- मांगलिक दोष व् उपाय
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- कालसर्प दोष व् उपाय
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- ग्रह मंत्र एवं दान की वस्तुएं
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- वास्तुशास्त्र की ब्याख्या
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- बैठक कक्ष / ड्राइंगरूम
- भोजन कक्ष(डाइनिंग रूम )
- भंडारण कक्ष ( स्टोरेज रूम )
- रसोई (किचिन )
- स्नानागार या स्नान कक्ष
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- भूखंड में पौधों का स्थान
- नवग्रहों का स्थान/प्रभाव
- भवन में द्वार का स्थान
- मकान में द्वारों की संख्या
- शहतीर/स्तम्भ व द्वार वेध
- वास्तु शास्त्र के नियम
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- दुकान/आफिस हेतु वास्तु-3
- भवन की सजावट हेतु वास्तु-1
- भवन की सजावट हेतु वास्त-2
- सिनेमा हेतु वास्तु निर्देश
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- फैक्टरी हेतु वास्तु निर्देश
- फैक्टरी हेतु वास्तु निर्देश
- पद्दतियाँ अथवा टेबल
- राशि,की टेबल
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- श्री रामदेव जी की आरती
- मूलाधार चक्र
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- कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत करने के लाभ
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देवियाँ (नवदुर्गा)
आरतियाँ
कुण्डलिनी शक्ति
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