श्री कुण्डलिनी चालीसा
श्री कुण्डलिनी चालीसा सिर सहस्त्रदल कौ कमल , अमल सुधाकर ज्योति | ताकि कनिका मध्य में , सिंहासन छवि होति || शांत भाव आनंदमय , सम चित विगत विकार | … Read More
श्री कुण्डलिनी चालीसा सिर सहस्त्रदल कौ कमल , अमल सुधाकर ज्योति | ताकि कनिका मध्य में , सिंहासन छवि होति || शांत भाव आनंदमय , सम चित विगत विकार | … Read More
श्री विष्णु देव चालीसा दोहा विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥ चौपाई नमो विष्णु भगवान खरारी,कष्ट नशावन अखिल बिहारी । प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी,त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥ सुन्दर रूप … Read More
श्री सूर्य देव चालीसा दोहा कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग । पद्मासन स्थित ध्याइये, शंख चक्र के संग । । चौपाई जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर । भानु, पतंग, मरीची, भास्कर, सविता, हंस, सुनूर, विभाकर … Read More
श्री पितृ देव चालीसा दोहा हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद, चरणाशीश नवा दियो रखदो सिर पर हाथ । सबसे पहले गणपत पाछे घर का देव मनावा जी । हे पितरेश्वर दया राखियो, करियो मन की चाया जी । । … Read More
श्री महावीर स्वामी चालीसा दोहा शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूँ प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम । सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार । महावीर भगवान को, मन-मन्दिर में धार । चौपाई जय महावीर दयालु स्वामी, … Read More
श्री गिरिराज चालीसा दोहा बन्दहुँ वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्यान । महाशक्ति राधा, सहित कृष्ण करौ कल्याण । सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार । बरनौ श्रीगिरिराज यश, निज मति के अनुसार । चौपाई जय हो जय बंदित … Read More
श्री परशुराम चालीसा दोहा श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि । सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि । । बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार । बरणौं परशुराम सुयश, निज मति के अनुसार । । चौपाई जय … Read More
बाबा रामदेव चालीसा दोहा श्री गुरु पद नमन करि, गिरा गनेश मनाय । कथूं रामदेव विमल यश, सुने पाप विनशाय । । द्वार केश से आय कर, लिया मनुज अवतार । अजमल गेह बधावणा, जग में जय जयकार । । … Read More
गुरु गोरख नाथ चालीसा दोहा गणपति गिरजा पुत्र को सुमिरु बारम्बार | हाथ जोड़ बिनती करू शारद नाम आधार || चोपाई जय जय जय गोरख अविनाशी | कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी || जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी | इच्छा … Read More
विन्धेश्वरी चालीसा दोहा नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब । संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब ॥ चौपाई जय जय जय विन्ध्याचल रानी । आदि शक्ति जगबिदित भवानी ॥ सिंह वाहिनी जय जगमाता । जय जय जय त्रिभुवन … Read More