जन्मांक – 6 (छः ) : जिन बच्चों या व्यक्तियों का जन्म महीने की , 06, 15, 24, तारीख को हो उनका
जन्मांक 6 छः होता है | सूक्ष्म एवं विशेष गणना करने के लिए मूलांक निकालना चाहिए , जिसके लिए
दिन, मास , वर्ष की गणना करनी चाहिए | जिन व्यक्तियों का जन्मांक 6 छः होता है वह जातक शुक्र से
प्रभावित रहता है | जन्मांक छः के जातक जन्म से ही सौन्दर्योपासक, चुम्बकीय एवं प्रभावशाली
व्यक्तित्व, मृदु , कर्तव्य परायण तथा भाग्यशाली होते हैं | छः अंक वाले जातक दूसरों के प्रति बहुत उदार
एवं व्यवहार कुशल होते हैं, तथा सभी कार्यों को सही तरीके से करना पसंद करते हैं | छः अंक के जातक
के व्यवसाय, कलाकार, अभिनेता, नर्तक, माडलिंग, वेश्यावृति, वास्तुकार, अभियंता,चिकित्सक,
लेखक,राजनीतिज्ञ, प्रशासक, व्यवसायी एवं उधोगपति आदि हो सकते हैं | छः अंक के व्यक्ति बहुत ही
शान्त प्रकृति के होते हैं | छः अंक वाली स्त्रियाँ बहुत सुन्दर एवं आकर्षक होती हैं मगर अविवेकशील तथा
निर्णय लेने की क्षमता का अभाव होता है तथा घर के काम में पूर्ण दक्ष होती हैं | एवं अपने पति को अपनी
सुन्दरता से रिझाती हैं | छः अंक की स्त्रियाँ अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में दुखी हो सकती हैं | जन्मांक
छः के जातकों को नाक एवं गले से सम्बंधित रोगों की संभावना रहती है | 6 अंक के जातकों को गुप्तांगों
के रोगों के होने की अधिक संभावना रहती है | सभी प्रकार की परेशानियों के लिए जातक को हीरे को
सोने की अँगूठी में फिट करवा कर शुक्रवार के दिन प्रातः शुक्र की होरा के समय पूजा घर में जाकर अँगूठी
को दूध में व् गंगाजल में स्नान करवा कर शुक्रदेव के मंत्र “ ॐ शं शुक्राय नमः “ का उच्चारण १०८ बार
करके अँगूठी को सिद्ध करके तर्जनी उँगली में पहनना चाहिए |
जन्माक छः (6 ) के लिए अनुकूल :
समयावधि : २1 अप्रैल से २1 मई तक का समय
अधिष्ठाता ग्रह : शुक्र
शुभ वार : शुक्रवार और शनिवार
तारीख : 6 , 15 और 24
मित्रता : मूलांक 3 ,6 ,9 वाले व्यक्ति
रंग : सफेद
दिशा : दक्षिण, पूर्व-दक्षिण (आग्नेय) तथा पश्चिम
रत्न : हीरा
धातु : स्वर्ण
जन्माक छः (6 ) के लिए प्रतिकूल :
समयावधि : 24 जुलाई से 23 अगस्त तक का समय
अधिष्ठाता ग्रह : – –
शुभ वार : बुधवार
तारीख : 1, 10, 19 और 28
मित्रता : मूलांक 1 और 5 वाले व्यक्ति
रंग : भूरा और मटमैला
दिशा : उत्तर
रत्न : पुखराज और मूंगा
धातु : ताम्बा और कांस्य
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